परिपुर्णता एक भ्रम है। उसे भूल जाओ। केवल भगवान ही परिपुर्ण हैं

अहंकार आपको यह सोचने पर मजबूर करता है कि आप भगवान से भी बढकर हैं।

वह ही (स्वयंभगवान) एकमेव त्राता है यही सर्वोच्च श्रद्धा और यही सर्वोच्च विश्वास है।

अन्य कुछ भी वास्तविक दुखांतिका नहीं है, बल्कि व्यर्थ जाना ही वास्तविक दुखांतिका है।

समय इस दुनिया की सबसे मूल्यवान वस्तु है। इसे बर्बाद मत करो।

पदवी(डिग्री) आपको विषय (सब्जेक्ट) से नहीं जोड़ती, अध्ययन आपको विषय से जोड़ता है।
