डॉक्टर श्री. अनिरुद्ध धैर्यधर जोशी (सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू) के प्रवचन यानी भक्तिशील मूल्यों का महासागर ही है।

इस अथाह महासागर में आनन्दपूर्वक विहार करते समय, उसमें से सद्विचारों के कुछ मोती हमारी, उनके श्रद्धावान मित्रों की अँजुली में अपने आप ही सहजतापूर्वक, प्रेम के साथ आये।

सभी श्रद्धावान इस आनन्द में सहभागी हो सकें, इस हेतु हमारा यह एक सप्रेम प्रयास है।

सद्विचारों के इन मोतियों को यदि हम अपने जीवन में उतार सकें, तो हमारा जीवन समृद्ध होगा ही, इसमें कोई सन्देह नहीं है।

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