Quote by Dr. Aniruddha Joshi on परिपुर्णता Paripurnata in photo large size

परिपुर्णता एक भ्रम है। उसे भूल जाओ। केवल भगवान ही परिपुर्ण हैं

Quote by Dr. Aniruddha Joshi on परिपुर्णता Paripurnata in photo large size
परिपुर्णता एक भ्रम है। उसे भूल जाओ। केवल भगवान ही परिपुर्ण हैं।

Quote by Dr. Aniruddha Joshi Aniruddha Bapu on Parishram परिश्रम in photo large size

कोई चीज मुझे यदि किसी से किसी कारणवश मुफ्त में मिल गयी और मैं उसे लेने से इनकार नहीं कर सकता हूं

Quote by Dr. Aniruddha Joshi Aniruddha Bapu on Parishram परिश्रम in photo large size
कोई चीज मुझे यदि किसी से किसी कारणवश मुफ्त में मिल गयी और मैं उसे लेने से इनकार नहीं कर सकता हूं, तो उस चीज के जितना मूल्य या उन मूल्यों के जितने परिश्रम मुझे परमेश्वर के चरणों में अर्पण करने आना चाहिए।

Quote by Dr. Aniruddha Joshi Aniruddha Bapu on Parmeshwar Sadguru परमेश्वर सद्‍गुरु in photo large size

जब मैं परमेश्वर के साथ पूरी तरह सच्चाई से पेश आने लगता हूँ

Quote by Dr. Aniruddha Joshi Aniruddha Bapu on परमात्मा, सच्चाई, सद्‍गुरु, परमेश्वर, अवगुण, मनुष्य, Aniruddha Bapu Quotes in photo large size
जब मैं परमेश्वर के साथ पूरी तरह सच्चाई से पेश आने लगता हूँ, उस समय मुझ में होने वाले बुरे से बुरे जो अवगुण हैं, वे सभी दूर करने का काम मेरे सद्‍गुरु का होता है, मेरे परमात्मा का होता है।

Quote by Dr. Aniruddha Joshi Aniruddha Bapu on Parmeshwar Sadguru Dhaak परमेश्वर सद्‌गुरु धाक in photo large size

परमेश्वर, सद्‌गुरु के प्रति मेरे मन में होनेवाला धाक, आदरयुक्त भय

Quote by Dr. Aniruddha Joshi Aniruddha Bapu on धाक, पशुप्रवृत्ति, आदरयुक्त भय, सद्‌गुरु, परमेश्वर, शक्ति, जीवन, Dr. Aniruddha Joshi in photo large size
परमेश्वर, सद्‌गुरु के प्रति मेरे मन में होनेवाला धाक, आदरयुक्त भय यह एकमात्र शक्ति है, जो मुझे पशुप्रवृत्ति के सभी क्षेत्रों से बाहर निकाल सकती है।

Quote by Dr. Aniruddha Joshi Aniruddha Bapu on Parmatma Sadguru Sadgurutatva परमात्मा सद्‍गुरु सद्‍गुरुतत्त्व in photo large size

भक्त चाहे कुछ भी और कितना भी क्यों न माँग ले, मगर वह यदि उसके लिए अनुचित है

Quote by Dr. Aniruddha Joshi Aniruddha Bapu on सद्‍गुरुतत्त्व, माँग, सद्‍गुरु, भक्त, अनुचित, मनुष्य, Dr. Aniruddha Joshi in photo large size
भक्त चाहे कुछ भी और कितना भी क्यों न माँग ले, मगर वह यदि उसके लिए अनुचित है, तो परमात्मा, सद्‍गुरु या सद्‍गुरुतत्त्व अपने उस भक्त को वह कभी भी नहीं देते।