Quote by Dr. Aniruddha Joshi on कार्य, कार्य, कल्पना, समतल, पृथ्वी, स्वीकार, life, नदियाँ, पर्वत, Kaarya, work in photo large size
‘पहले पृथ्वी को अच्छी तरह से समतल एवं स्वच्छ करके फिर वहाँ अपनी सुविधा के अनुसार नदियाँ, पर्वत बनाने चाहिए और फिर अपना नगर बसाना चाहिए’ यह कल्पना मूर्खता भरी है, यह बात किसी की भी समझ में आ सकती है। जो है उसका स्वीकार करना ही पड़ता है और उसके अनुसार अपने कार्य को पूरा करना होता है।