परमेश्वर ने हर किसी को समान रूप में स्थिरता दी होती है

अपने जीवन में दुख का कारण अभाव ही होता है

मुझे परमेश्वर के बहुत ही करीब जाना है ऐसा केवल मैं कहते रहता हूँ

जब मैं परमेश्वर के साथ पूरी तरह सच्चाई से पेश आने लगता हूँ

मेरे जीवन में परमेश्वर के ही नियमों के अनुसार मुझे अपना जीवन व्यतित करने आना चाहिए

परमेश्वर, सद्गुरु के प्रति मेरे मन में होनेवाला धाक, आदरयुक्त भय

हम जब सामूहिक उपासना करते हैं, तब सब की भक्ति की लहरें

परमात्मा / परमेश्वर / सद्गुरु मेरे जीवन में यदि वास्तव में शासनकर्ता बनकर रहें
