मानव जिन्हें मानवीय प्रयत्नों से नहीं टाल सकता, ऐसीं जो तीन-चार प्रकार की मृत्यु मनुष्य के जीवन में आ सकती हैं

भक्ति की अगली अवस्था अर्थात अनुभूति

मेरे अच्छे आचरण से मेरी भक्ति निखरने लगती है

किसी भी संकट के आने पर बिलकुल भी मत घबराना

अच्छा या बुरा कार्य करने की शक्ति मेरी सावधानता पर निर्भर करती है

जितने प्रमाण में भक्ति, उतने ही प्रमाण में शांति, और जितने प्रमाण में शांतता

यदि मैं नामस्मरण के अर्थात भक्ति के और गरीब, अनाथ, जरूरतमंदों की सेवा

मन में भक्तिभाव न होते हुए, केवल हाथों से मेरे द्वारा की जानेवाली कर्मकांड की कवायद मेरे परमेश्वर तक कभी नहीं पहुँचती

हम जब सामूहिक उपासना करते हैं, तब सब की भक्ति की लहरें
