मन एवं बुद्धि जहाँ पर एकत्रित कार्य करते हैं ऐसा स्थान अर्थात अंत:करण

यदि अन्याय का प्रतिकार करना हो तो, इसके लिए पहले मन, शरीर एवं बुद्धि से हमें समर्थ बनना चाहिए

जीवन में हुई गलतियों पर मन:पूर्वक गौर करके उन्हें सुधारने के दृढ़ निश्चय का मार्ग अर्थात प्रायश्चित
