व्यवहार को दृढ़ता के साथ सँभाला हो तो तुम्हारा अध्यात्म तुम्हारा उत्कर्ष करता है और अध्यात्म को सुव्यवस्थित रूप में सँभाला हो तो ही तुम्हारा व्यवहार सशक्त बनता है। PrevNext